मत-मतांतर
बात अगर यहीं खत्म हो जाती तो बात और थी...
Sunday, December 14, 2008
साहस
सागर का तट
छोटा पड़ जाता है
जब फैलाता हूं बाहें
लेकिन आ नहीं पाता
बांह की परिधि में
अंदर का साहस।
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